चार्ल्स बैबेज का जीवन परिचय (Charles Babbage In Hindi):-
Charles Babbage |
चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कंप्यूटर का जनक (Father of Computer) कहा जाता है। चार्ल्स बैबेज का जन्म 26 दिसंबर, 1791 को लंदन, इंग्लैंड में हुआ था। उनके पिता “बेंजामिन बैबेज”(Benjamin Babbage) एक बैंकर और व्यापारी थे। और माता का नाम “Betsy Plumleigh teape” बैबेज हमेशा से ही बहुत जिज्ञासु थे - जब उन्हे कोई नया खिलौना मिलता था , तो वह अपनी माँ से पूछते थे कि इसके अंदर क्या है । फिर वह खिलौने के अलावा यह पता लगाते थे कि यह कैसे काम करता है । बैबेज को बहुत कम उम्र में गणित में दिलचस्पी थी, और उन्होंने बीजगणित अपने आप खुद ही सीख लिया था ।
Charles Babbage का परिवार अमीर था, और चार्ल्स ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा निजी ट्यूटर्स से प्राप्त की थी । 1810 में उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज में प्रवेश लिया । वह अपने प्रशिक्षकों की तुलना में गणित के बारे में अधिक जानते थे । बैबेज ने एनालिटिकल सोसाइटी को व्यवस्थित करने में मदद की, जिसने कैंब्रिज में सर इस्साक न्यूटन (1642-1727; अंग्रेजी वैज्ञानिक, गणितज्ञ और खगोलशास्त्री) के अलौकिक अनुसरण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1814 में, कैम्ब्रिज से बैबेज के स्नातक की उसी वर्ष, उन्होंने “जॉर्जियाई व्हिटमोर” से शादी की। उनके आठ बच्चे हुये थे, लेकिन केवल तीन बच्चे ही जीबित बचे थे।
1822 में Charles Babbage ने डिफरेंस इंजन नाम का एक यंत्र बनाया जो उनके जीवन का मुख्य हित बन गया । इस मशीन ने गणितीय तालिकाओं की गणना की और मुद्रित किया। उन्होंने गणितीय सिद्धांत के बाद इसे "अंतर इंजन" कहा था इसमें कुल 25000 पाठ थे और इसका वेट 13600 किलोग्राम था । सरकार को उनकी डिवाइस में दिलचस्पी थी और उन्होंने अपने शोध को वित्तपोषित करने का एक अस्पष्ट वादा किया। इससे बैबेज को पूर्ण पैमाने पर मशीन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
डिफरेंस इंजन |
बैबेज को लगा था कि यह काम सरल है और जल्दी हो जायेगा लेकिन ऐसा नहीं था । इंजन के पहियों, गियर, और क्रैंक को आकार देने के लिए मशीन के कई उपकरण मौजूद नहीं थे। इसलिए, बैबेज और उनके कारीगरों को उपकरण स्वयं डिजाइन करने पड़े। पैसे की कमी के कारण यह प्रोजेक्ट कंप्लीट नहीं हुआ और बंद हो गया |
इस बीच बैबेज के सक्रिय दिमाग में एक दूसरा इंजन बनाने का विचार आया और सन 1847 से 1849 में Charles Babbage ने फिर से एक मशीन बनाई जिसका नाम दिया “डिफरेंस इंजन 2” लेकिन फंडिंग इशु की वजह से यह प्रोजेक्ट भी बंद हो गया पर डिफरेंस इंजन के नाकामयाब होने से चार्ल्स में एक इंजन और बनाया जिसका नाम “एनालिटिकल इंजन” रखा इस इंजन को पंच कार्ड से पंच किया जा सकता था और यह दुनिया का पहला कंप्यूटर था यह बहुत सारे पुर्जो से मिलकर बना था यह तीन मंजिल की इमारत जितना बड़ा था |
एनालिटिकल इंजन |
बैबेज ने अपने इंजनों पर काम करने के बीच सरकार के साथ काम करने में एक अविश्वसनीय निभाई । अन्य विषयों के अलावा, उन्होंने गणित पर कई लेख लिखे उन्होंने एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी को चलाने में मदद की, जो बाद में रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के साथ-साथ अन्य संगठनों के रूप में बन गई।
ब्रिटिश विज्ञान के इस महान वैज्ञानिक का निधन सन 18 अक्टूबर, 1871 को हो गया । Charles Babbage को कंप्यूटर के आविष्कार के लिये दुनिया हमेशा याद रखेगी |
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