होली है.. भाई होली है... बुरा ना मानो होली है.....
दोस्तों होली का त्यौहार एक नई उमंग,नई आशा,क्षमा और बड़ों को सम्मान करने वाला त्यौहार है हम सब लोग पुरानी दुश्मनी और बुराई को भूलकर होली पर सबको गले से लगाते हैं जिससे हमारे मन में जो गिले-शिकवे और बुराइयां सब दूर हो जाती हैं होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है इसलिए हम सारी बुराइयों को भूलकर अच्छाइयों को अपनाते हैं |
इस साल होली का त्योहार MONDAY, 25 March 2024 को है और इस आर्टिकल में हम रंगों के इस होली के त्योहार के विषय में कुछ बातें शेयर करेंगे उम्मीद है,आपको पसंद आएंगी |
होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है, होली वसन्त ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन के महीने (March) की पूर्णिमा क़े दिन को मनाया जाता है। इसीलिये इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। पहले दिन शाम के समय को होलिका जलायी जाती है और मिठाई क़े साथ पूजा भी की जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन सब लोग एक दूसरे पर रंग अबीर,गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी कहते हैं,
ढोल तथा डी जे (DJ) बजा कर होली के हो गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने नाचने का दौर दोपहर तक चलता है। बच्चे-बूढ़े सभी लोग सब कुछ भूलकर ढोलक-मंजीरो की धुन मे गानें-बजाने के साथ नाचते हुये रंगों में रंगते हुये होली की परिक्रमा लगाकर गेहूँ की वाली चणाते और सभी देवी -देवताओं की जय जयकार करते हैं। होली पर कुछ विशेष पकवान भी बनाये जाते है जैसेकि गुजिया ,ऐसे ,गोजा ,मटरी ,बेसन क़े सेओ, दहीबड़े आदि जिसमे गुजिया होली का प्रमुख पकवान है जो कि खोया और मैदा तथा अन्य प्रकार की मेवाओ से मिलकर बनती है |
इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं , और गले मिलते हैं और मिठाई नमकीन आदि खिलाते हैं। राग-रंग का यह लोकप्रिय त्योहार एक भाईचारे का त्योहार है |
होली का त्योहार क्यों मनाते है ?
होली होली के साथ विभिन्न तरह की कहानियां जुड़ी हुई हैं, उन्हीं में से एक प्रहलाद और हिरण्यकश्यप की कहानी है।
पौराणिक कथा के अनुसार,
एक हिरण्यकश्यप नाम का राजा था,वह बहुत शक्तिशाली होने के साथ अत्याचारी राजा था । वह खुद को भगवान मनाता था और भगवान विष्णु सें अपने भाई का बदला लेना चाहता था क्योकि भगवान विष्णु ने उसके भाई को मारा था क्योकि वह भी एक राक्षस था हिरण्यकश्यप चाहता था कि हर कोई भगवान की तरह उसकी पूजा करें वह अपने राज्य में किसी को भगवान की पूजा नहीं करने देता था और अपनी पूजा करने के लिए कहता था और जो भगवान की पूजा,यज्ञ आदि करता था उसके साथ बहुत ही अत्याचार करके उसे मृत्युदंड दे देता था |
हिरण्यकश्यप का एक पुत्र था जिसका नाम प्रहलाद था प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का भक्त था वहीं अपने पिता के आदेश का पालन न करते हुए हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद ने उसकी पूजा करने से इंकार कर दिया और उसकी जगह भगवान विष्णु की पूजा करनी शुरू कर दी। इस बात से नाराज हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को कई सजाएं दी और कई तरह से मारने की कोशिश की लेकिन प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ |
हिरण्यकश्यप की एक बहन भी थी जिसका नाम होलिका था | एक दिन हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका ने मिलकर प्रहलाद को मारने की एक योजना बनाई की वह प्रहलाद के साथ चिता पर बैठेगी। होलिका के पास एक ऐसा कपड़ा था जिसे ओढ़ने के बाद उसे आग में किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता था |
जैसे ही आग जली वैसे ही वह कपड़ा होलिका के पास से उड़कर प्रहलाद के ऊपर चला गया इसी तरह पहलाद की जान बच गई और उसकी जगह होलिका आग में जलकर मर गई |
यही कारण है की होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है |
भारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। आज भी ब्रज की होली सारे देश के आकर्षण का बिंदु होती है। लठमार होली जो कि बरसाने की है वो भी काफ़ी प्रसिद्ध है। इसमें पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएँ पुरुषों को लाठियों तथा कपड़े के बनाए गए कोड़ों से मारती हैं। इसी तरह मथुरा और वृंदावन में भी 15 दिनों तक होली का पर्व मनाते हैं।
नही होना चाहिये .....................
कभी-कभी लगता है कि हमारा यह होली का त्यौहार नशे के आगोश में सिमट कर रह गया है जिसकी वजह से अक्सर गाली-गलौज लड़ाई-झगड़े देखने को मिलते हैं हम सब लोगों को किसी भी प्रकार का नशा खासकर होली पर नहीं करना चाहिए जैसे कि भांग,गांजा, शराब आदि और ताश पत्ती बिल्कुल भी नहीं खेलना चाहिए जिससे पैसों की बर्बादी गृह क्लेश होता है और हम सब लोग लोगों को पूरी उमंग के साथ मिलकर भाईचारे के साथ बहुत सादगी से होली के त्यौहार का आनंद लेना चाहिए |
होली गीत .........................
यह गाना फिल्म- सिलसिला, गीत- जावेद, राजेन्द्र किशन,निंदा फाजली, हरिवंश राय बच्चन, संगीत- शिव हरि, गायक- अमिताभ बच्चन । ने गाया है
होली है..
हाँ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
होली है ..
अरे किने मारी पिचकारी तोरी भीगी अँगिया
ओ रंग रसिया, रंगरसिया हो.. हो..
रंग बरसे,
अरे रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
ओ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
(रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे) -२
हाँ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
अरे रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
ओ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
(रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे) -२
हाँ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
सोने की थारी में ज्योना परोसा
अरे सोने की थारी में
हाँ सोने की थारी में ज्योना परोसा
अरे खाये गोरी का यार बलम तरसे, रंग बरसे
होली है ..
(रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे) -२
लौगा इलायची का
अरे लौगा इलायची का
भाई लौगा इलायची का
हाँ (लौगा इलायची का बीड़ा लगाया) -२
अरे लौगा इलायची का
हाँ लौगा इलायची का बीड़ा लगाया
अरे चाबे गोरी का यार बलम तरसे, रंग बरसे
होली है ..
ओ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
ओ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
अरे बेला चमेली का सेज बिछाया
बेला चमेली का सेज बिछाया
अरे बेला चमेली का
हाँ बेला चमेली का सेज बिछाया
सोये गोरी का
सोये गोरी का यार बलम तरसे, रंग बरसे
हो रंग बरसे
हाँ रंग बरसे
ओ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
ओ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
ओ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
ओ रंग बरसे भीगे चुनर बाली, रंग बरसे
यह गाना फिल्म- शोले, गीत- आनन्द बख्शी, संगीत- आर डी बर्मन, गायक- किशोर कुमार, लता मंगेशकर। ने गाया है
चलो सहेली, चलो सहेली
चलो रे साथी, चलो रे साथी
ऐ पकड़ो .. अरर..
बहियाँ ना तोड़ो
ओ ठहर जा भाभी, अरे जा रे शराबी
क्या हो राजा, गली में आजा
होली होली, भाँग की गोली
ओ नखरे बाली, दूँगी मैं गाली
अरे रामू की साली, होली है होली
चलो रे साथी, चलो रे साथी
ऐ पकड़ो .. अरर..
बहियाँ ना तोड़ो
ओ ठहर जा भाभी, अरे जा रे शराबी
क्या हो राजा, गली में आजा
होली होली, भाँग की गोली
ओ नखरे बाली, दूँगी मैं गाली
अरे रामू की साली, होली है होली
(होली के दिन दिल खिल जाते है
रंगों में रंग मिल जाते है)
गिले शिकवे भूल के दोस्तों
दुश्मन भी गले मिल जाते है
(होली के दिन दिल खिल जाते है
रंगों में रंग मिल जाते है)
होली है
गोरी तेरे रंग जैसा
थोड़ा सा मैं रंग बना लूँ
आ तेरे गुलाबी गालों से
थोड़ा सा गुलाल चुरा लूँ
(जा रे जा दिवाने तू
होली के बहाने तू)
छेड़ ना मुझे बेशरम
पूछ ले ज़माने से ऐसे ही बहाने से
लिये और दिये दिल जाते है
होली के दिन दिल खिल जाते है
रंगों में रंग मिल जाते है
यही तेरी मर्ज़ी है तो
अच्छा चल तू ख़ुश हो ले
पास आके छूना ना मुझे
चाहे मुझे दूर से भिगो ले
(हीरे की कनी है तू
मिट्टी से बनी है तू)
छूने से जो टूट जायेगी
काँटों के छूने से फूलों के
नाज़ुक नाज़ुक बदन छिल जाते है
होली के दिन दिल खिल जाते है
रंगों में रंग मिल जाते है
गिले शिकवे भूल के दोस्तों
दुश्मन भी गले मिल जाते है
(होली के दिन दिल खिल जाते है
रंगों में रंग मिल जाते है)
कुछ होली के फोटो.......
आशा करता हूं दोस्तों होली के ऊपर यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा और आपको कुछ नई जानकारी मिली होगी
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